Defence Mutual Fund, Defence Mutual Fund in hindi, Defence Mutual Fund kya hai
आज हम बात करने वाले हैं Defence Mutual Fund के बारे में, जिसमें हम इसके बारे में कई सारी चीजों को समझने वाले हैं, तो यह आर्टिकल आपके बहुत ज्यादा काम आने वाला है, इसे बुकमार्क करके सेव जरूर कर लेना.
इस आर्टिकल के अंदर हम जानेंगे कि Defence Mutual Fund क्या होता है, इसमें इन्वेस्टमेंट करने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, इसी के साथ कौन-कौन से रिस्क आपको इसके अंदर देखने को मिल सकते हैं, एक सही Defence mutual fund को चुनने के लिए क्या चीजें जरुरी होती हैं, किस तरह से आप इसके अंदर इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और आज की तारीख में कौनसे टॉप डिफेंस म्युचुअल फंड है जिन्हें आप चुन सकते हैं जैसी कई सारी बातों पर आज हम चर्चा करने वाले हैं.
Defence Mutual Fund
यह एक टाइप का Sector-Specific Mutual Fund होता है जो सिर्फ ऐसी कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करने पर फोकस करता है जो की Defence And Aerospace Industries के अंदर आती है. यह फंड ऐसे बिजनेस में इन्वेस्ट किए जाते हैं, जो डिफेंस संस्था को टेक्नोलॉजिकल सर्विसेज प्रदान करती हैं और डिफेंस संबंधित प्रोजेक्ट के मामले में Research And Development करने में मदद करती है.
एक स्पेसिफिक सेक्टर के अंदर इन्वेस्टमेंट करने के पीछे इनका मकसद यही होता है कि नेशनल सिक्योरिटी और डिफेंस एडवांसमेंटस की ग्रोथ हो सके और इसी वजह से यह चीज इसे बाकी म्युचुअल फंड के मुकाबले में काफी अलग बना देती है. पहले यह फंड इतना ज्यादा चर्चा में नहीं होता था लेकिन आज के Geopolitical Climate में इसने काफी ज्यादा अपनी पापुलैरिटी बना ली है.
सही Defence Mutual Fund का चुनाव कैसे करे ?
ऐसे कई अलग-अलग तरीके हैं जिनकी मदद से आप अपने हिसाब से एक सही Defence Mutual Fund का चुनाव कर सकते हैं.
- सही Defence Mutual Fund चुनने के लिए सबसे पहले आपको एक सही फंड मैनेजर का ढूंढना होगा जिसे डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर के अंदर अच्छा एक्सपीरियंस हो, ताकि वह आपको यह समझाने में मदद कर सके कि इसके अंदर आपको क्या-क्या चैलेंज देखने को मिल सकते हैं और क्या-क्या चीज आपको इसमें पढ़नी चाहिए.
- अगर आप इस फंड की पिछली कुछ परफॉर्मेंस पर नजर डालके उन्हें समझ लेते हैं और उनकी दूसरे म्युचुअल फंड के साथ तुलना करते हैं तो आपको इस चीज का पूरी तरह से पता लग जाएगा कि यह फंड आपके लिए है या नहीं.
- इसके अलग-अलग प्रकार की फीस के बारे में जानकारी जरूर लें और साथ ही एक्सपेंस रेशों को समझना ना भूले, जो की हमें यह बताने में मदद करता है कि एक म्युचुअल फंड अपने इन्वेस्टर से कितनी फीस चार्ज करता है.
- एक बार इसके फंड साइज के बारे में जरूर जाने. Large funds आपको इन्वेस्टमेंट के मामले में कई सारे sources दे देता है. वहीं Very large funds के अंदर समय के साथ कुछ चैलेंज देखने को मिल सकते हैं और Smaller Funds भी आपके लिए सही है पर उसमें Larger Funds के मुकाबले में रिस्क ज्यादा होता है.
इन सब तरीकों के साथ-साथ एक बहुत जरूरी चीज यह है की इन्वेस्टमेंट करने से पहले एक बार आप अपने फाइनेंशियल गोल्स और रिस्क टॉलरेंस को अच्छे से सोच-समझ ले.
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Defence Mutual Fund में निवेश कैसे करे ?
चलिए अब पूरी प्रक्रिया को जान लेते हैं कि डिफेंस म्युचुअल फंड के अंदर इन्वेस्टमेंट किस प्रकार से की जाती है.
- इसमें इन्वेस्टमेंट करने के लिए सबसे पहले आपको अपना एक म्युचुअल फंड अकाउंट बनाना होगा जैसे आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं और ऑफलाइन भी.
- अकाउंट बनाने के बाद आपको अपनी केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी जिसमें आपसे कुछ डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे आपकी आइडेंटिटी के तौर पर, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि.
- उसके बाद अच्छे से एक बार रिसर्च करें और जितने भी अलग-अलग प्रकार के डिफेंस म्युचुअल फंड मार्केट में उपलब्ध है उसमें से अपने लिए सही फंड का चुनाव करें. इसमें आप फंड मैनेजर की सहायता ले सकते हैं.
- उसके बाद निर्णय करें कि आपको किस प्रकार से इन्वेस्टमेंट करनी है यानी की SIP के माध्यम से या फिर lump sum amount के माध्यम से.
- उसके बाद आप अपनी मन चाही इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और इन्वेस्टमेंट करने के बाद रेगुलर अपने पोर्टफोलियो को एनालाइज करें.
Defence Mutual Fund में क्या-क्या Risks होते हैं ?
अब चूँकि Defence Mutual Fund बाकी फंड्स के मुकाबले में कुछ सीमित कंपनियों के अंदर ही इन्वेस्टमेंट करता है तो इस वजह से इसमें दूसरे फंड्स के मुकाबले रिस्क थोड़ा सा ज्यादा रहता है, जिसे अभी हम एक-एक करके समझेंगे की किस प्रकार यह काम करता है.
Sector-Specific Risks (क्षेत्र-विशिष्ट जोखिम)
जैसा कि अभी हमने जाना कि यह सिर्फ और सिर्फ डिफेन्स और एयरोस्पेस सेक्टर के अंदर ही इन्वेस्टमेंट करता है तो इसकी वजह से अगर उस सेक्टर में कोई भी नेगेटिव डेवलपमेंट होती हैं तो वह सीधा प्रभाव डालेंगी आपके फंड की परफॉर्मेंस के ऊपर.
Geopolitical Factors (भू-राजनीतिक कारक)
डिफेंस म्युचुअल फंड जिओ पॉलीटिकल इवेंट्स और ट्रेंड्स के साथ काफी ज्यादा लिंक है, तो अगर इंटरनेशनल रिलेशंस, दो देश की मिलिट्री या फिर डिफेंस एलायंसेज में कोई भी दिक्कत आती है तो वह चीज फंड की परफॉर्मेंस पर असर करेगी.
Government Contracts पर निर्भरता
देखिए डिफेंस कंपनियों के पास जो मुख्य रेवेन्यू आता है वह सरकारी कॉन्टेक्ट्स की वजह से आ आता है, इसलिए मान लो की अगर सरकार की तरफ से डिफेंस सेक्टर के अंदर किसी भी प्रकार की पॉलिसी, कॉन्ट्रैक्ट या फिर बजट के मामले में कोई भी बदलाव आता है तो वह उस इन्वेस्टमेंट पर असर करेगा.
Technological और Competitive Risks
डिफेंस इंडस्ट्री टेक्नोलॉजी के मामले में काफी ज्यादा कॉम्पिटेटिव बनी हुई है तो इसलिए कंपनियों को लगातार इन्वेस्टमेंट के मामले में अपने रिसर्च और डेवलपमेंट पर काम करते रहना होता है लेकिन अगर कभी कोई कमी रह गई या फिर कोई कंपीटीटर उस चीज में आगे निकल गया तो वहां पर दिक्कत थोड़ी सी हो सकती है.
Other Risks
डिफेंस म्युचुअल फंड के अंदर मार्केट पर ध्यान देना थोड़ा ज्यादा जरूरी हो जाता है क्योंकि अगर यहां पर किसी भी प्रकार की लड़ाई की वजह से डिफेंस कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में गिरावट आती है तो वह इन्वेस्टमेंट पर असर डालेगी.
निष्कर्ष
तो दोस्तों एक बार सब कुछ संक्षेप में जान लेते हैं कि इस आर्टिकल के अंदर हमने क्या-क्या देखा. इसमें हमने जाना Defence Mutual Fund के बारे में जिसमें सबसे पहले समझा कि आखिर यह होता क्या है. फिर आपको बताया कि किस तरह से आप एक सही डिफेंस म्युचुअल फंड का चुनाव कर सकते हैं. इसके बाद किस तरह से आप इस फंड के अंदर इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं उसकी पूरी प्रक्रिया को समझा और आखिर में जो-जो रिस्क इसके अंदर देखने को मिल सकते हैं उनके बारे में जाना जैसे की Sector-Specific Risks, Geopolitical Factors, Government Contracts पर निर्भरता, Technological और Competitive Risks, Other Risks.