हमारे यहां जब भीं Personal Finance और Money Making से संबंधित बात उठती हैं तो सबसे पहले Active income and Passive income का जिक्र जरूर होता है. इन दोनों प्रकार की आय के बीच अंतर को समझना आपकी फाइनेंशियल स्ट्रेटजी और लॉन्ग टर्म वेल्थ को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है. आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे की Active and Passive income क्या है, उनके फायदे और नुकसान क्या है और आप फाइनेंशियल फ्रीडम को प्राप्त करने के लिए दोनों का लाभ कैसे उठा सकते हैं.
Active Income and Passive Income क्या है ?
Active Income (सक्रिय आय)
सक्रिय आय : सक्रिय आय वह आय है जो आप अपना ज्यादा समय और प्रयास देकर कमाते है. इस प्रकार की आय आम तौर पर रोजगार या ऐसी जगह से आती है जहां आप पैसे कमाने के लिए Actively काम करते है. इसमें मुख्य रूप से 4 तरह के Source शामिल होते है.
- Salaries and Wages (वेतन और मजदूरी) : यह सक्रिय आय का सबसे सामान्य सोर्स है जहां कर्मचारियों को उनके काम के लिए नियमित भुगतान (Salary) मिलती है.
- Business Income (व्यावसायिक आय) : वह प्रॉफिट जो व्यापार करने वाला मालिक अपने व्यापार से कमाते है, इस आय के अंदर शामिल होता है.
- Commissions and Bonuses (कमीशन और बोनस) : वह Extra Income जो Employee को उनके काम के आधार पर बोनस और कमीशन के रूप में मिलती है, इस स्त्रोत में शामिल होती है. ये आय आमतौर पर सेल्स वाली फील्ड में देखी जाती है.
- Freelance Work (फ्रीलांस कार्य) : यह आय कॉन्ट्रैक्ट या प्रोजेक्ट के आधार पर Service प्रदान करने से कमाई जाती है.
Benefits of Active Income (सक्रिय आय के लाभ)
- स्थिर आय : सक्रिय आय एक Fixed और Estimated नकदी आय है जो आपको अपना बजट बनाने और फाइनेंशियल प्लानिंग करने में मददगार है.
- स्किल डेवलपमेंट : सक्रिय आय बनाने के लिए अक्सर आपको स्पेशल स्किल को डेवलप करना या निखारना होता है, जो जॉब्स के बाजार में आपके मूल्य को बढ़ा देती है.
- तुरंत परिणाम : एक्टिव इनकम आपको तुरंत वित्तीय पुरस्कार मिलते है, जो आपको अचानक पड़ने वाली पैसों की जरूरत को पूरा करने में मददगार साबित होते है.
Drawbacks of Active Income (सक्रिय आय की कमियाँ)
- टाइम टाइम्कन्सूमिंग : एक्टिव इनकम के सोर्सेज अक्सर आपके रोज के टाइम का एक बड़ा हिस्सा लेने वाले होते है जो अक्सर आपकी अन्य रुचियां और आय स्त्रोतों को आगे बढ़ाने में थोड़ी समस्या उत्पन्न करते है.
- इनकम लिमिट : सैलरी और मजदूरी केवल एक निश्चित सीमा तक ही बढ़ सकती है, जो आपके कुछ बड़े सपने को पूरा करने में समस्या बन सकती है.
- रोज़गार पर निर्भरता : सिर्फ सक्रिय आय पर निर्भर रहने से आप नौकरी छुटने या आर्थिक मंदी के शिकार भी हो सकते है, जो ऐसे समय में आपको वित्तीय समस्या पहुंचा सकती है.
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Passive income (निष्क्रिय आय)
निष्क्रिय आय : निष्क्रिय आय एक ऐसा धन का स्रोत है जो आपको कम प्रयास और लगातार उस कार्य को करते रहने से मिलता है. शुरू में एक बार कार्य या निवेश किए जाने के बाद, पैसिव इनकम आपको बिना लगातार या रोज काम करे भी पैसे बनाकर देती है. इसमें भी 4 तरह के स्त्रोत शामिल होते है
- Rental Income (किराये की आय) : जब हम अपनी बनाई हुई प्रॉपर्टी या जमीन किराए या लीज पर देते है, तो उससे मिलने वाले पैसे इस श्रेणी में आते है.
- Investments (निवेश) : स्टॉक्स के डिविडेंड, सेविंग अकाउंट या बॉन्ड से उत्पन्न ब्याज या रियल स्टेट से जो इनकम बनती है, वह निवेश की श्रेणी में आती है.
- Online Businesses (ऑनलाइन व्यवसाय) : ऑनलाइन e-commerce स्टोर, एफिलिएट मार्केटिंग और डिजिटल प्रोडक्ट से उत्पन्न आय ऑनलाइन बिजनेस की श्रेणी में आती है.
- Royalties (रॉयल्टी) : वह इनकम जो हमे, हमारे द्वारा लिखी गई बुक, म्यूजिक या पेटेंट से मिले, वह Royalties कहलाती है.
Benefits of Passive Income (निष्क्रिय आय के लाभ)
- स्केलेबिलिटी (Scalability) : पैसिव इनकम की स्कैलेबिलिटी (Scalability) को बिना प्रयास में वृद्धि के भी बढ़ाया जा सकता है, जिससे आय में निरंतर वृद्धि होती है.
- फाइनेंसियल फ्रीडम : पर्याप्त निष्क्रिय आय के साथ, आप वित्तीय स्वतंत्रा प्राप्त कर सकते है, और आप सक्रिय रूप से (Actively) काम करने की जरूरत को कम या समाप्त कर सकते है.
- डाईवर्सीफिकेशन (Diversification) : निष्क्रीय आय, इनकम को diversify करने की अनुमति भी देती है, जिससे की सिर्फ एक आय स्त्रोत पर निर्भर न रहकर लोगो का वित्तीय जोखिम भी कम हो जाता है.
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Drawbacks of Passive Income (निष्क्रिय आय की कमियाँ)
- शुरूआती प्रयास और निवेश : निष्क्रीय आय को स्थापित करने के लिए शुरुआत में अक्सर समय, धन या दोनो को पर्याप्त मात्रा में निवेश करने की आवश्यकता होती है.
- अनिश्चितता (Unpredictability) : निष्क्रिय आय कम अनुमानित होती है क्योंकि यह बाजार में उतार-चढ़ाव और दूसरे बाहरी कारणों पर ज्यादा निर्भर रहती है.
- मेंटेनेंस एंड मैनेजमेंट : सक्रिय आय की तुलना में कम डिमांड होते हुए भी, निष्क्रीय आय स्त्रोतों को कभी कभी प्रॉपर मेंटेनेंस और मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है.
Combining Active Income and Passive Income
कई लोगो के लिए, सबसे प्रभावी फाइनेंशियल स्ट्रेटजी में एक्टिव और पैसिव (active income and passive income) दोनो इनकम का कॉम्बिनेशन शामिल है. एक नजरिए से देखें तो यह सक्रिय आय की स्थिरता के साथ निष्क्रिय आय हमे लॉन्गटर्म में धन का निर्माण करता है. यह कुछ Steps दिए है जिनकी मदद से दोनो आय को अच्छे से संयोजित किया जा सकता है.
- Establish a Stable Active Income (एक स्थिर सक्रिय आय स्थापित करें) : निष्क्रीय आय पर फोकस करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास सक्रिय आय का एक प्रॉपर सोर्स हो क्योंकि यह निष्क्रीय आय को बनाने में शुरुआती निवेश के समय यह फाइनेंशियल स्टेबिलिटी प्रदान करती है.
- Budget and Save (बजट बनाएं और बचत करें) : अपने खर्चों को मैनेज करने और बचत को प्राथमिकता देने के लिए एक बजट बनाएं. अपनी सक्रिय आय का एक हिस्सा ऐसे निवेशों में लगाए जो निष्क्रीय आय उत्पन्न करेंगे. यह शेयर मार्केट में निवेश करना, ऑनलाइन बिजनेस शुरू करना आदि हो सकते है.
- Educate Yourself (खुद को शिक्षित करें) : हमारा निवेश तब बेहतर साबित होता है जब हम उसे पूरी जानकारी के साथ करे. इसके लिए विभिन्न Income के सोर्स जानने में समय लगाएं. सही निर्णय लेने के लिए विभिन्न निवेशों के जोखिम और उससे संभावित रिटर्न को समझना जरूरी है. इसके लिए किताबें, ऑनलाइन ट्यूटोरियल और फाइनेंशियल एडवाइजर्स सहित कई विकल्प उपलब्ध है.
- Start Small (छोटी शुरुआत करें) : हमेशा छोटी शुरुआत करें उदहारण के लिए डिविडेंड देने वाले शेयर्स में निवेश करके या एक छोटा डिजिटल प्रोडक्ट बनाकर शुरुआत करें. जैसे जैसे आप अनुभव और कॉन्फिडेंट होते जायें, उसी हिसाब से आप अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं और अधिक अवसरों का पता लगा सकते हैं.
- Reinvest Your Earnings (आय का पुनर्निवेश करें) : जब भी संभव हो अपनी निष्क्रिय आय को दुबारा निवेश करें जिससे यह आपके विकास को गति देने का काम करेगी. इसमें अधिक स्टॉक खरीदना, अपने ऑनलाइन व्यवसाय को बढ़ाना, अपने रियल एस्टेट पोर्टफोलियो को बढ़ाना आदि शामिल होते है. पुनः निवेश करने से समय के साथ Income के रिटर्न बढ़ाने में मदद मिलती है.
- Monitor and Adjust (निगरानी करें और समायोजित करें) : अपने इनकम सोर्सेज की नियमित निगरानी रखें और जरूरत के हिसाब से अपनी रणनीति को एडजस्ट करते रहे. क्योंकि बाजार की स्थिति और Personal Conditions बदल सकती है, इसलिए लचीला बने रहना और नए अवसर और चुनौतियों से परिचित रहना आवश्यक है.
निष्कर्ष
एक अच्छी वित्तीय रणनीति बनाने के लिए दोनो के बीच अंतर को समझना जरूरी है. जहां सक्रिय आय स्थिरता और तुरंत पुरस्कार प्रदान करती है, वहीं निष्क्रिय आय एक लॉन्गटर्म फाइनेंशियल फ्रीडम प्रदान करती है. दोनों को मिलाकर आप एक संतुलित पोर्टफोलियो बना सकते हैं जो आपकी आवश्यकताओं और लॉन्गटर्म गोल को पूरा करने में मदद करेंगी.
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