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शेयर मार्किट में क्या है Fundamental Analysis? समझे यहाँ…

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Fundamental Of Stocks Market

मार्केट में आने से पहले आपको बहुत सी बाते पता होना चाहिए जिसके जरिए आप बहुत पैसा कमा सकें. जैसे कि स्टॉक मार्केट के Fundamental Analysis  क्या होते है. अगर आपको किसी भी कंपनी के बारे में जानकारी चाहिए तो आपको यह सब चीजों का पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट में इनका मतलब क्या होता है तभी आप किसी कंपनी का अच्छी तरीके से Analysis कर सकेंगे.

आज हम आपको इस Fundamental से संबंधित जानकारी के बारे में बताएंगे जिसके बाद आप किसी भी शेयर के फंडामेंटल कैसे पढ़ सकते हैं इसे जान जाएंगे.

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Market Capitalization Value (Part Of Fundamental)

यह एक कंपनी की कुल बाजार मूल्य को दर्शाता है. इसे कंपनी के कुल बकाया शेयरों की संख्या को वर्तमान शेयर मूल्य से गुणा करके निकाला जाता है. उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी के 1,00,000 शेयर हैं और प्रत्येक शेयर की कीमत 100 रुपये है, तो उसका Market capitalization 1,00,00,000 रुपये होगा.

Total Share Capital 

यह किसी कंपनी द्वारा जारी किए गए सभी शेयरों की कुल रकम को दर्शाता है. यह कंपनी के इश्यू किए गए सभी शेयरों के मूल्यों का Sum होता है.

Trade Payables

यह वह राशि है जो कंपनी को अपने सप्लायर्स को भुगतान करनी होती है. यह आमतौर पर उन सामानों या सेवाओं के लिए होता है जो कंपनी ने उधार पर खरीदा होता हैं.

Trade Receivables 

यह वह राशि है जो कंपनी को अपने ग्राहकों से प्राप्त करनी होती है. यह उन बिक्री का Representation करता है जिसे कंपनी ने उधार पर किया होता है.

Total Investments 

यह कंपनी के विभिन्न प्रकार के निवेशों का Total मूल्य है। इसमें शेयर, बांड, अचल संपत्ति, और अन्य वित्तीय संपत्तियाँ शामिल हो सकती हैं.

Total Inventories 

यह वह राशि है जो कंपनी के पास स्टॉक में होती है. इसमें कच्चे माल, अधूरे उत्पाद और तैयार माल शामिल होते हैं जो बिक्री के लिए तैयार होते हैं.


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Total Assets

यह कंपनी की कुल संपत्ति का Sum है. इसमें नकद, बैंक बैलेंस, भूमि, इमारतें, मशीनरी, और अन्य वित्तीय निवेश शामिल होते हैं.

Total Revenue

यह किसी निश्चित अवधि में कंपनी द्वारा उत्पन्न की गई कुल आय को दर्शाता है.  इसमें बिक्री, सेवा शुल्क और अन्य आय स्रोत शामिल होते हैं.

ROE (Return on Equity)

यह अनुपात बताता है कि शेयर धारकों की इक्विटी पर कंपनी कितना लाभ कमा रही है. इसे शुद्ध आय को शेयर धारकों की कुल इक्विटी से विभाजित करके निकाला जाता है. यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि उनकी पूंजी पर कंपनी कितना मुनाफा कमा रही है.

ROCE (Return on Capital Employed)

यह Ratio बताता है कि कंपनी अपनी कुल पूंजी (इक्विटी + कर्ज) पर कितना लाभ कमा रही है, इसे EBIT (Income tax और Interest से पहले की आय) को कुल पूंजी से Divide करके निकाला जाता है.

PE Ratio (Price-to-Earnings Ratio)

यह अनुपात बताता है कि निवेशक प्रति शेयर आय के मुकाबले कितना भुगतान करने को तैयार हैं. इसे Current Share Price को Earnings Per Share से Divide करके निकाला जाता है. यह निवेशकों को यह समझाने में मदद करता है कि शेयर का मूल्यांकन अधिक है या कम.

PB Ratio (Price to Book Ratio)

यह अनुपात बताता है कि बाजार कंपनी की बुक वैल्यू के मुकाबले कितना अधिक मूल्यांकन कर रहा है. इसे निम्नलिखित सूत्र से निकाला जाता है

PB Ratio = शेयर का वर्तमान बाजार मूल्य / बुक मूल्य प्रति शेयर

उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का शेयर मूल्य 200 रुपये है और प्रति शेयर बुक मूल्य 50 रुपये है, तो PB अनुपात 4 होगा. यह दर्शाता है कि बाजार कंपनी की संपत्ति के मूल्य से चार गुना अधिक भुगतान करने को तैयार है.

DE Ratio (Debt to Equity Ratio)

यह अनुपात बताता है कि कंपनी की Financial Structure में कितना Debt और कितनी Equity शामिल है. इसे निम्नलिखित सूत्र से निकाला जाता है

DE Ratio = कंपनी का कुल ऋण /शेयरधारकों की कुल इक्विटी 

उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का कुल Debt 1,00,000 रुपये है और कुल इक्विटी 50,000 रुपये है, तो DE अनुपात 2 होगा. इसका अर्थ है कि कंपनी के पास हर 1 रुपये की इक्विटी के मुकाबले 2 रुपये का ऋण (Debt) है. 


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Dividend Yield Ratio (Part Of Fundamental)

यह अनुपात बताता है कि निवेशक को उसके निवेश पर कितना लाभांश (Dividend) प्राप्त हो रहा है. इसे निम्नलिखित सूत्र से निकाला जाता है

Dividend Yield = प्रति शेयर लाभांश / शेयर का वर्तमान बाजार मूल्य * 10

उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का प्रति शेयर लाभांश 10 रुपये है और शेयर का वर्तमान बाजार मूल्य 200 रुपये है, तो लाभांश उपज 5% होगी.

Promoters

प्रमोटर्स वे व्यक्ति या समूह होते हैं जिन्होंने कंपनी की स्थापना की होती है या जो कंपनी के प्रमुख शेयरधारक होते हैं. ये कंपनी के संचालन और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 

Retail and Others 

रिटेल निवेशक वे व्यक्ति होते हैं जो अपने व्यक्तिगत खातों से शेयर खरीदते और बेचते हैं। “Other” Category में विभिन्न प्रकार के छोटे और व्यक्तिगत निवेशक शामिल होते हैं. 

FII (Foreign Institutional Investors)

ये विदेशी संस्थाएँ होती हैं जो भारतीय बाजार में निवेश करती हैं. इसमें विदेशी बैंक, फंड्स, और अन्य वित्तीय संस्थाएँ शामिल होती हैं. इनके निवेश से भारतीय बाजार में तरलता बढ़ती है.

Mutual Funds 

म्यूचुअल फंड्स सामूहिक निवेश योजना होती है जिसमें कई निवेशक अपने पैसे को मिलाकर शेयर, बांड और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं. इन्हें पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता है

DII (Domestic Institutional Investors)

  • ये भारतीय संस्थाएँ होती हैं जो भारतीय बाजार में निवेश करती हैं, इसमें भारतीय बैंक, बीमा कंपनियाँ, पेंशन फंड्स और अन्य वित्तीय संस्थाएँ शामिल होती हैं.

निष्कर्ष

आज हमने जाना की भारतीय शेयर मार्किट में Fundamental Analysis का मतलब क्या होता है. साथ ही इससे सम्बंधित कुछ अन्य टर्म्स जैसे PE RATIO आदि. अगर आप भी शेयर मार्किट से जुडी जानकारी समय से जानना चाहते हो और शेयर्स के Analysis के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस ब्लॉग पर जुड़े. साथ ही अगर आप शेयर मार्किट के बारे में और जानना चाहते है तो हमारी टीम से संपर्क करे.

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