Ashok Leyland Share: 16 जुलाई बुधवार को अशोक लेलैंड का शेयर प्राइस अचानक से गिरकर आधा हो गया जिसकी वजह से कई सारे लोग बहुत कंफ्यूज हो गए. जहां मंगलवार को इसका शेयर प्राइस ₹250.85 पर ट्रेड कर रहा था, वहीं बुधवार को अचानक गिरते हुए यह ₹125 के आसपास ओपन हुआ क्या है. क्या है इस गिरावट के पीछे की असली वजह चलिए आपको सब कुछ डिटेल में बताते हैं.
क्या है गिरावट की असली वजह
सबसे पहले जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस गिरावट के पीछे का असली कारण है बोनस शेयर. जी हां अशोक लेलैंड ने अपने शेरहोल्डर्स को 1:1 में बोनस शेयर दिया है जिसकी वजह से इसकी स्टॉक प्राइस थोड़ी बहुत एडजस्ट हो गई है.
इसलिए जब सुबह इसकी स्टॉक प्राइस ₹125 हो गई तब कई सारे ट्रेडिंग एप्स ने इसे 50% गिरावट दिखाए लेकिन आपको बता दें कि यह सिर्फ एक टेक्निकल एडजस्टमेंट है इसमें इन्वेस्टर को कोई भी लॉस नहीं हुआ है.
किन लोगों को मिलेगा फायदा
इसका मतलब यह है कि अगर किसी के पास कंपनी का एक शेयर था तो उसके पास दो हो जाएंगे और अगर किसी के पास 10 शेयर्स थे तो उसके पास अब उसके पास 20 हो जाएंगे लेकिन उसकी टोटल वैल्यू सेम रहेगी सिर्फ हर शेयर का प्राइस आधा हो गया है.
इस बोनस शेयर की जो रिकॉर्ड डेट है वह 16 जुलाई तय की गई थी इसलिए जो भी लोगों ने इस तारीख तक अपने शेयर्स को होल्ड करके रखा था उन्हीं को यह बोनस शेयर का फायदा मिलेगा. 17 जुलाई को सभी को यह बोनस शेयर अलॉट हो जाएंगे और 18 जुलाई से नए शेयर्स ट्रेडिंग के लिए अवेलेबल होंगे.
क्या है कंपनी के फाइनेंशियल हाइलाइट्स
अब हम कंपनी की फाइनेंशियल की बात करें तो अशोक लेलैंड का मार्केट कैप 72500 करोड रुपए के आसपास आ चुका है हालांकि इसके स्टॉक ने कोरोना टाइम से लेकर अब तक 550% का रिटर्न निवेशकों को दिया है और यह काफी जबरदस्त नंबर होता है.
कंपनी के प्रमोटर्स के पास अभी भी 36.70% शेयर्स हैं वहीं पब्लिक के पास 51.52 प्रतिशत शेयर्स मौजूद है इसके अलावा म्युचुअल फंड और इंश्योरेंस कंपनियां भी इसमें निवेशक बनी हुई है.
क्या है एनालिस्ट रेटिंग
विशेषज्ञों को मानना है कि अशोक लेलैंड का प्रॉफिट और रेवेन्यू दोनों चीज काफी जल्द ग्रो करेंगी इसलिए उन सभी ने इस स्टॉक पर BUY रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस 280 रुपए और एडजेस्टेड प्राइस 140 रुपए बताया है.
डिस्क्लेमर: DateUpdateGo के इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सिर्फ एजुकेशनल और सामान्य उद्देश्य से दी गई है. इसका मकसद किसी को भी इन्वेस्टमेंट एडवाइस देना नहीं है. इसलिए कोई भी इन्वेस्टमेंट डिसीजन बनाने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

ऋषि गुप्ता एक प्रोफेशनल कंटेंट राइटर हैं जिन्हें इस फील्ड में 6 साल का ज़बरदस्त अनुभव है. यह मुश्किल टॉपिक्स को आसान भाषा में अपनी ऑडियंस को समझाने के लिए जाने जाते हैं.