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जब एक व्यक्ति म्यूचुअल फंड की दुनिया में नया-नया कदम रखता है, तो उसे कई सारे ऐसे शब्द देखने को मिलते हैं जिनके बारे में उसने शायद ही पहले कभी सुना या पढ़ा हो. ऐसे में उसके लिए कई सारी चीजों को समझना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए उसी में से आज हम बात करने वाले हैं IDCW in Mutual Fund के बारे में. इस आर्टिकल के अंदर हम इससे जुड़ी हर एक चीज को आपके साथ शेयर करेंगे, तो अंत तक ज़रूर बने रहना.
क्या होता है IDCW in Mutual Fund?
देखिए, IDCW का मतलब होता है Income Distribution cum Capital Withdrawal. यह असल में एक तरह का म्यूचुअल फंड प्लान है जो कि रेगुलर इनकम डिस्ट्रीब्यूशन को तरलता के साथ जोड़ता है. यानी कि इसकी मदद से एक इन्वेस्टर रेगुलर इनकम तो बनता ही है बल्कि उसके साथ-साथ जरूरत पड़ने पर वह अपने पैसे को कभी भी निकाल सकता है.
शुरूआती दौर में जितने भी म्यूचुअल फंड हैं, उनके द्वारा इसकी जगह पर केवल डिविडेंड प्लान्स ऑफर किये जाते थे, लेकिन साल 2017 में SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने उनका नाम बलदकर IDCW Plans कर दिया.
कैसे काम करता है IDCW in Mutual Fund?
चलिए अब समझते हैं कि आखिर यह काम किस तरह से करता है.
- IDCW Plans समय दर समय अपने निवेशक को इनकम डिस्ट्रीब्यूट करने का काम करते हैं जो कि डिविडेंड्स के रूप में दी जाती है.
- जहाँ एक शुद्ध डिविडेंड प्लान के अंदर आप अपना पैसा एक निश्चित समय के बाद ही निकाल सकते हैं, वहीं IDCW की मदद से कभी भी.
- फंड में जो भी प्रॉफिट बनता है, उसका एक हिस्सा निकालकर फंड मैनेजर निवेशकों के बीच बाट देता है.
- निवेशक अपने फंड में से यूनिट्स को रिडीम करके उन्हें कैश में बदल सकता है.
यह भी देखें: Bandhan Bank Mutual Fund
IDCW vs Growth Plans क्या है बेहतर?
IDCW Plans |
Growth Plans |
रेगुलर इनकम को डिस्ट्रीब्यूट करने पर फोकस करता है. | लॉन्ग टर्म में लाभ कमाने पर फोकस करता है. |
जो लोग रिस्क से बचना पसंद करते हैं, उनके लिए सही है. | जो लोग लम्बे समय के लिए निवेश करना पसंद करते हैं और मार्किट के हिसाब से चल सकते हैं. |
यहाँ पर आये को रीइन्वेस्ट करके कम्पाउंडिंग की जाती है. | जो कैपिटल गेन्स हैं, उन्हें रीइन्वेस्ट करके कम्पाउंडिंग होती है. |
जितनी ज्यादा यूनिट्स होंगी, उतना ज्यादा फायदा रहेगा. | निवेशकों के बीच कोई रेगुलर इनकम को नहीं बांटा जाता. |
जिन्हें जल्दी पैसा चाहिए, उनके लिए सही है. | जो ज़िन्दगी में थोड़ा इंतज़ार कर सकते हैं, उनके लिए. |
इस IDCW and Growth Difference की टेबल को अच्छे से देखकर आप समझ सकते हैं कि Which is better, growth or IDCW?
IDCW in Mutual Fund के प्रकार
यह मुख्य तौर पर दो प्रकार के होते हैं.
IDCW Payout
- इसमें जो इनकम म्यूच्यूअल फंड के द्वारा बनायी जाती है, वह डायरेक्ट निवेशक को दी जाती है.
- एक फिक्स समय के हिसाब से निवेशक को Regular Payouts (Dividends) दिए जाते हैं (जैसे मासिक, या सालाना).
IDCW Reinvestment
- इसमें आप दी गयी इनकम को दोबारा से उस फंड के अंदर रीइन्वेस्ट कर सकते हैं.
- इसमें एक निवेशक को कैश पेआउट लेने की जगह पर म्यूच्यूअल फंड के अतिरिक्त यूनिट्स लेने का मौका मिलता है.
- रीइन्वेस्टमेंट असल में बढ़ते समय के साथ कम्पाउंडिंग में बहुत ज्यादा मदद करता है.
Myth vs Reality
Myth 1 : IDCW Payouts पूरी तरह से टैक्स फ्री होते हैं.
Reality : यह बात हमेशा के लिए सही नहीं है क्योंकि इन पर Dividend Distribution Tax (DDT) लगता है, और वो टैक्स के दर निवेशक की Slab Rate के हिसाब से बदलती है. जबकि IDCW रीइन्वेस्टमेंट प्लान्स DDT से दूर रहते हैं.
Myth 3 : IDCW Plans सभी निवेशकों के लिए बेस्ट हैं.
Reality : ऐसा बिलकुल भबि नहीं है, बल्कि ये सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है जो इनकम पर फोकस करते हैं. और दूसरी तरफ जो ग्रोथ पर ध्यान देते हैं, उनके लिए दूसरे प्लान्स बेस्ट हो सकते हैं.
Myth 3 : IDCW Plans लगातार ज्यादा रिटर्न्स प्रदान करते हैं.
Reality : ऐसा नहीं हैं. देखिये, IDCW Plans हमेशा आय को ज्यादा महत्व देते हैं कैपिटल एप्रेसिएशन (Capital Appreciation) के मुकाबले. अब चूँकि यह डिविडेंड्स प्रदान करता है तो उसकी वजह से कभी-कभी उनके NAV की ग्रोथ भी लम्बे समय में ग्रोथ प्लान्स से पीछे रह जाती है.
यह भी देखें: Defence Mutual Fund
How to Choose the Right IDCW in Mutual Fund?
- अपना फाइनेंसियल गोल बिलकुल साफ रखो कि किस सोच के साथ आप इन्वेस्टमेंट करना चाह रहे हो.
- निवेश करने से पहले एक बार यह भी समझ लें कि आप कितना रिस्क झेल सकते हैं.
- इनमें निवेश करने के लिए अगर मार्किट की टाइमिंग अच्छी हुई तो फायदा होना तय है. इसके लिए आपको इण्टरनेट के माध्यम से मार्किट की स्तिथि की जानकारी रखनी होगी.
निष्कर्ष
तो दोस्तों, इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपके साथ IDCW in Mutual Fund की गहराई में जाकर जानकारी साझा की है, जिसमें सबसे पहले हमने समझा कि यह क्या होता है, किस तरह काम करता है. फिर इसके दो अलग-अलग प्रकारों को जाना, आई.डी.सी.डब्ल्यू पेआउट और रीइन्वेस्टमेंट. इसमें और ग्रोथ प्लान में क्या फर्क होता है, उसे समझा और इसके क्या फायदे होते है. आखिर में हमने बताया कि आप किस तरह एक सही आईडीसीडब्ल्यू का चुनाव कर सकते हैं.
लोगों के द्वारा पूछे गए प्रश्न
Q: क्या एक बार में पूरी इन्वेस्टमेंट IDCW Plans से निकाल सकते हैं?
A: जी हाँ. आप जब चाहें तब अपनी राशि इसमें से निकल सकते हैं, बस इसके लिए उस फण्ड के हाउस के कायदे और कानून फॉलो करने होंगे.
Q: सभी IDCW Plans में कितना टैक्स लगता है?
A: यह निर्भर करता है उस प्लान के ऊपर, जैसे कि Capital Gains के अंदर इस चीज़ का टैक्स लगता है कि आप अपनी राशि को कितना समय तक होल्ड किये हो. और Dividend income में लगता है एक निवेशक की आय के स्लैब कर के हिसाब से.
Q: क्या IDCW Plan से Growth Plan में Switch कर सकते हैं?
A: हाँ, बिलकुल कर सकते हैं. लेकिन इससे पहले एक बार अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से इसके बारे में सलाह लेना अनिवार्य है. साथ ही इसमें कुछ नियम भी मानने होते हैं.
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